एक बार फिर से खदान हादसे ने मानवता को झकझोर कर रख दिया है। दुनिया भर में खदानों में दुर्घटनाएं कोई नई बात नहीं, लेकिन वेनेज़ुएला के ताजा मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं – क्या हम प्राकृतिक आपदाओं के खतरे को गंभीरता से नहीं ले रहे?
बारिश बनी काल, सोने की खदान बनी कब्र
वेनेज़ुएला के बोलिवर राज्य में स्थित रोसियो नगरपालिका का एल कैलाओ शहर अचानक उस समय संकट में आ गया, जब लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने एक सोने की खदान को ढहा दिया। भारी बारिश के चलते आई बाढ़ ने खदान की मिट्टी और दीवारों को कमजोर कर दिया, जिससे पूरा ढांचा अचानक भरभरा कर गिर पड़ा।
इस भयावह हादसे में 14 मजदूरों की जान चली गई, जबकि कई अन्य अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू एजेंसियों ने राहत कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन भारी बारिश और पानी भरे खदान ने प्रयासों को कठिन बना दिया है। रेस्क्यू मिशन युद्ध स्तर पर जारी
खदान के अंदर बाढ़ का पानी भर जाने से राहत कार्य में बड़ी बाधा उत्पन्न हो रही है। इस चुनौती को देखते हुए मौके पर पंपिंग मशीनों की मदद से पानी निकालने का प्रयास किया जा रहा है। फायर ब्रिगेड, सिविल प्रोटेक्शन और अन्य बचाव टीमें मिलकर फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।
घटनास्थल पर एक अस्थायी कमांड सेंटर भी स्थापित किया गया है, जहां से पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व और समन्वय किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि सभी प्रयास इस बात पर केंद्रित हैं कि एक भी जान और न जाए।
परिवारों में मातम, प्रशासन में हड़कंप
मृत मजदूरों के परिजनों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। रोसियो के मेयर वुइहेल्म टोरेलास ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए इस भीषण हादसे पर शोक जताया और पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रशासन पीड़ितों की हर संभव मदद करेगा।
दुनिया भर में खनन उद्योग पर सवाल
यह हादसा केवल एक देश या एक जगह की त्रासदी नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया को झकझोरने वाला एक संकेत है कि खनन उद्योग में सुरक्षा उपाय अभी भी नाकाफी हैं। प्राकृतिक आपदाओं के समय खदानों की स्थिति और उनमें काम कर रहे मजदूरों की सुरक्षा अक्सर नजरअंदाज की जाती है।
