दियोरिया कला। सरकार जहां एक तरफ विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के लिए मीनू के अनुसार एमडीएम सोमवार को फल और बुधवार को दूध देने के आदेश का सभी इंचार्ज अध्यापकों और खंड शिक्षा अधिकारी को कड़ाई से पालन करने का निर्देश दे रही है तो वहीं दूसरी तरफ अध्यापक और प्रधान मिलकर बच्चों को मिलने वाले फल दूध और भोजन की धनराशि डकार रहे हैं।
उच्च प्राथमिक विद्यालय किशनपुर में एमडीएम गैस सिलेंडर की जगह चूल्हे पर लकड़ी से बनाया जा रहा है जबकि प्रत्येक विद्यालय को गैस चूल्हा सहित दो सिलेंडर उपलब्ध कराएं गये है लेकिन गैस सिलेंडर कहां पर है यह पता नहीं चल पाया है सोमवार को एमडीएम में रोटी सब्जी की जगह तहेरी परोसी गई जबकि आज फल दिए जाने थे लेकिन बच्चों ने बताया उन्हें फल नहीं दिए गए और दूध आज तक कभी नहीं दिया गया है। यही नहीं आत्मरक्षा प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र तीन साल से बच्चों को नहीं बांटे गए आत्मरक्षा का बैनर भी नहीं बनवाया गया जबकि इसकी धनराशि सितंबर में निकाली जा चुकी है। विद्यालय में आज प्राथमिक विद्यालय से अटैच किए गए शिक्षामित्र उपस्थित थे इंचार्ज अध्यापक संजीव कुमार से फोन पर जानकारी लेने पर एमडीएम, फल, दूध वितरण और आत्मरक्षा प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र, बैनर के बारे में कोई जबाब नहीं दे सके। सरकार विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों पर लाखों रुपए खर्च कर रही है लेकिन जिम्मेदार और जनप्रतिनिधि मिलकर बच्चों के हकों पर खुलेआम डाका डाल रहे हैं।
इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि हर विद्यालय में एमडीएम के लिए गैस सिलेंडर दिए गए हैं खाना चूल्हे पर आखिर क्यों बनाया गया है।अगर एमडीएम, फल,दूध वितरण में गड़बड़ी चल रही है तो इसकी जांच कराई जाएगी और शिकायत सही पाई जाने पर जो भी जिम्मेदार होंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी ।